बरमाणा में ACC सीमेंट कारखाना प्रबंधन एवं ट्रक आपरेटरों के बीच माल भाडे को लेकर चला गतिरोध बिलासपुर सदर भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल की मौजूदगी में विशाल धरना प्रदर्शन हुआ। #adani#bjp#hp


 चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर मंगलवार को बरमाणा में एसीसी सीमेंट कारखाना प्रबंधन एवं ट्रक आपरेटरों के बीच माल भाडे को लेकर चला गतिरोध बिलासपुर सदर भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल की मौजूदगी में विशाल धरना प्रदर्शन हुआ। सरकार इस विवाद को हल करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। यदि प्रदेश सरकार चाहती तो हिमकान द्वारा तय किए गए किराए की दरों की अधिसूचना जारी करती। सरकार .अपना पल्लू झाड़ रही हैं। इसका खामियाजा ट्रक आपरेटरों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि यदि किराया विवाद पांच दिन में हल न किया तो भाजपा आपरेटरों के साथ मिलकर बरमाणा से बिलासपुर तक चक्का जाम करेगी।इसकी सारी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार पर होगी।सदर भाजपा द्वारा आयोजित यह धरना एक घंटा तक चला। सदर भाजपा पदाधिकारियों ने दुर्गा मंदिर बरमाणा से लेकर डैहर सड़क तक रोष रैली भी निकाली तथा इस दौरान प्रदेश सरकार व अदाणी समूह के विरूद्ध जमकर नारेबाजी भी की तथा सड़क पर ही धरना दिया। इस कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई।
पांच दिन में विवाद हल न किया तो होगा चक्का जाम:धरने को संबोधित करते हुए सदर विधायक त्रिलोक जम्वाल ने का कि प्रदेश सरकार जानबूझकर इस मामले को लटकाने का प्रयास कर रही है और अपने हित के लिए ट्रक आपरेटरों को बांट रही है। इसके चलते ही शिमला में 20 जनवरी को उद्योग मंत्री के साथ हुई बैठक में बरमाणा के आपरेटरों को नहीं बुलाया गया था। इससे प्रदेश सरकार की नीयत साफ हो गई है। उद्योग मंत्री इस विवाद को आपरेटरों व अदाणी समूह के बीच का मामला बताकर अपना पल्लू झाड़ रही है। पांच दिन बीत जाने के बावजूद भी उद्योग मंत्री सचिवालय में अपने कमरे से मुख्यमंत्री के कमरे तक नहीं पहुंच पाए हैं।चेतावनी दी कि यदि पांच दिन में विवाद हल न किया तो सदर भाजपा आपरेटरों के साथ मिलकर बरमाणा से बिलासपुर तक चक्का जाम करेगी।अदाणी व प्रदेश सरकार में सांठगांठ :उन्होंने कहा कि सरकार की अदाणी समूह से कथित तौर पर सांठगांठ हो चुकी है और एक सोची-समझी चाल के तहत ही सरकार दाड़लाघाट और बरमाणा के आपरेटरों को बांट रही है। दोनों सीमेंट प्लाटों के आपरेटरों की एकता को तोड़ने के बाद सरकार अपनी मर्जी के रेट तय करने की नोटिफिकेशन जारी करेगी। भाजपा आपरेटरों के हितों से किसी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने देगी और उनके हकों के लिए हर स्त्तर पर लड़ाई लड़ेगी। सरकार चाहे तो इस विवाद को एक क्षण में हल कर सकती है। इसके लिए 2005 में बने फार्मूले के तहत किराया निकालने के लिए ज्यादा समय नहीं लगेगा।किराया विवाद के बीच बढ़ाए डीजल के रेट :उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जानबूझकर डीजल के रेट में तीन रुपये की वृद्धि की है।आपरेटरों का किराया निर्धारित करते समय डीजल सहित अन्य कंपाेनेंट के मूल्य भी शामिल किए जाते हैं। आपरेटरों को मौजूदा समय 11.41 रुपये प्रति टन किलोमीटर किराया िमल रहा है। ऐसे में डीजल के रेट बढ़ने पर आपरेटरों का किराया और बढ़ेगा। सरकार ने अभी तक अदाणी समूह के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है। सरकार को आपरेटरों के हित में अपनी ताकत का अदाणी समूह को अहसास करवाना चाहिए।

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