डॉ. यशवंत सिंह परमार जिन्हें हिमाचल निर्माता के रूप में याद किया जाता जन्मदिवस पर जाने इनके बारे में कुछ खास बातें।

डॉ. यशवंत सिंह परमार जिन्हें हिमाचल निर्माता के रूप में याद किया जाता जन्मदिवस पर जाने इनके बारे में कुछ खास बातें। 
शिमला,4अगस्त(ब्यूरो):-


डॉ. यशवंत सिंह परमार जिन्हें हिमाचल निर्माता के रूप में याद किया जाता है। डॉ. परमार का जन्म 4 अगस्त 1906 को तत्कालीन सिरमौर रियासत के चन्हालग गांव में भंडारी शिवानंद सिंह के घर पर हुआ।
सन् 1922 में स्टेट हाई स्कूल नाहन से मैट्रिक, सन् 1926 में क्रिश्चियन कॉलेज फॉर मैन लाहौर से बी.ए. ऑनर्स, सन् 1928 में केनिंग कॉलेज लखनऊ से एम.ए. व एल.एल.बी. तथा 1944 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से सोशियो इकोनामिक बैकग्राउंड ऑफ हिमालयन पॉलियेंडरी विषय में पी.एच.डी. की थी।  

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युवा काल से ही संघर्ष उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया था। रियासत की नौकरी को दरकिनार कर उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। यह उनकी दूरदर्शी सोच का ही परिणाम था कि 26 जनवरी, 1948 को शिमला में आयोजित हुई सार्वजनिक सभा में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रीय नेतृत्व से अनुरोध किया गया कि यहां की सभी पहाड़ी रियासतों को इकट्ठा करके एक नए राज्य का गठन किया जाए।
इस संघर्ष ने एक ऐसी विचारधारा को जन्म दिया जिसके फलस्वरूप 15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल प्रदेश एक छोटे से राज्य के रूप में भारत के मानचित्र पर उभर कर सामने आया।
डॉ यशवंत सिंह परमार प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने व हिमाचल प्रदेश की स्थापना के साथ विकास का दौर शुरू हुआ।

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